तुम जो मिले तो सहारा मिल गया, डूबती हुई कश्ती को, किनारा मिल गया। सूनी सी थी राहें, इस जीवन...
Poetry
I am glad to share my poetry with you which are close to my heart as they are the outcome of my never-ending tryst with my own self. They are a perfect melange of feelings, words and rhythm which takes you on a ride of imagination and allows you to see into the soul of another person.
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होके तुमसे जुदा ये हमनें जाना होता है मुश्किल कितना इस दिल को समझाना। दूर होकर भी तुमसे तुम्हें दिल...
आज जब फ़ुरसत में बैठकर खोली जीवन की किताब सोचा कुछ पन्ने ही पलट लें कर लें कुछ हिसाब। ताउम्र...
काश उसको उस वक़्त किसीने तो, यह तसल्ली दिलाई होती तू घबरा मत मैं हूँ ना, यह बात कहके जताई...
जाते जाते इस जहां से चलो कुछ ऐसा कर जाएँ कोई कितना भी भूलना चाहे हमें हम याद उन्हें आएँ।...
वो भी क्या ज़माना था जब शुरू हुआ ये याराना था लड़ते थे झगड़ते थे रूठने और मनाने के सिलसिले...
हर शाम तेरे साथ गुज़रती है, हर सुबह तेरी याद आती है, तेरी यादें तेरे क़रीब होने का "एहसास" कराती हैं।...
हर इंसां जो यहाँ आया है मुक़द्दर साथ ही में लाया है ना जाने क्यूं फिर भी लगी है भीड़...
आग़ाज़ ही किया है, अंजाम अभी बाकी है, मंज़िल पे पहुंचने का ख़्वाब अभी बाकी है। जो रुक कर ठहर...
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