हर शाम तेरे साथ गुज़रती है, हर सुबह तेरी याद आती है,
तेरी यादें तेरे क़रीब होने का "एहसास" कराती हैं।
जागतें हैं हम रात रात भर, तेरी यादों के साये में,
इक पल को भी इन आँखों में "नींद" कहाँ आती है।
आ जाओ की अब यादों से, दिल भरता नहीं है,
हर लम्हा गुज़रे बाहों में तेरी, दिल से यही "फ़रियाद" आती है।
आरज़ू है मेरी आख़िरी सांस भी आए तेरी पनाहों में
तुम कहाँ हो अब यह सोचकर, हर "साँस" आती है।