तेरे बिना ज़िन्दगी में, कुछ कमी सी है,
रुकी हैं सांसे, धड़कन भी थमी सी है।
मुस्कुराहट होठों पे, आँखों में नमी सी है,
जानी पहचानी राहें भी, अब अजनबी सी हैं।
इंतज़ार में तेरे, ये कैसी बेख़ुदी सी है,
दिन गुज़रे तन्हा, रातें जगी-जगी सी है।
चाहकर भी ना मिल पाने की, दिल में बेबसी सी है,
तू जो पास नहीं, तो हर घड़ी एक सदी सी है।
1 thought on “तेरे बिना!”
Hi Pooja,
“ Tere Bina “ is just a masterpiece.Loved every single word of it.You are amazing.
Keep up the good work.
Rekha