मंजिलें अपनी, रास्ते अपने
ख़्वाहिशें अपनी, हौंसलें अपने
ना जाने फिर भी
किस बात की होड़ लगी है।
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ख़ामोशी की भी अलग ही जुबां होती है
ना कुछ कह कर भी कितना कुछ कहती है।
– Pooja Sharma (Unboxthelife)
फ़ासले कुछ ज़्यादा नहीं है दरमियां हमारे
बस एक लकीर है जो हम ही ने खींची है।
– Pooja Sharma (Unboxthelife)
रिश्तों में मिलावट की तब हद ही हो गई
जब हमने कहा आप हमें अच्छे लगते हैं
और वो बोले सीधे-सीधे कहिये आपको क्या चाहिए।
– Pooja Sharma (Unboxthelife)
"ज़िक्र करते नहीं वो दिल में छुपे जज़्बातों का कभी
ख़ामोशियाँ उनकी चुपके से बहुत कुछ कह जाती हैं"
– Pooja Sharma (Unboxthelife)
तेरी ख़्वाहिश से हम कुछ यूँ इत्तेफाक़ रखते हैं
तुझसे हो ना हो, ख़ुद ही से तेरी बात करते हैं।
– Pooja Sharma (Unboxthelife)
तलाश कर रहे हैं सब यहाँ एक साथी की
हमारी तो ख़ुद ही से पक्की यारी है
पीकर बहकने वालों की महफिल में हमारा नाम नहीं आता
हमें तो हर वक़्त बिन पिए ही ख़ुमारी है।
– Pooja Sharma (Unboxthelife)
तेरे मुताबिक़ चले ऐ जिंदगी हम अब तक
अब तेरी बारी है
यही है पहली आरज़ू
यही आख़िरी ख़्वाहिश हमारी है।
– Pooja Sharma (Unboxthelife)
वही जिस्म वही रूह वही जान है
ना जाने फिर किस बात का अभिमान है
दौर गुज़र चुका वो जब युध्द गैरों से हुआ करते थे
अब तो ख़ुद ही का ख़ुद से महासंग्राम है।
– Pooja Sharma (Unboxthelife)
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