नींद से आजकल हमारा थोड़ा फ़ासला है
कोई इश्क़ नहीं ये ख़्वाबों का सिलसिला है
एक ख़्वाब ख़ुद को ख़ुद से मिलाने का
दूसरा अपने ही दम पे अपनी मंज़िल पाने का।
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शाख़ से टूटते हुए पत्तों का अलग अन्दाज़ होता है
पुराने की रुख़सती से ही नए का आगाज़ होता है।
– Pooja Sharma (Unboxthelife)
तस्वीर में हमारी रंग उसने कुछ इस तरह से भरे
ख़ुद को और भी क़रीब से हम जानने लगे।
– Pooja Sharma (Unboxthelife)
हैं कुछ लोग जो बेवजह ही अच्छे लगते हैं
नक़ाबपोशों की इस भीड़ में सच्चे से लगते हैं।
– Pooja Sharma (Unboxthelife)
कहते नहीं जुबां से पर चुप-चुप के देखा करते हैं
यकीं है हमें कि वे उन्हें बेइंतेहा मुहब्बत करते हैं।
– Pooja Sharma (Unboxthelife)
हैं कुछ लोग जो मुझे ख़ुद से ज़्यादा जानते हैं
भूल जाता हूँ ख़ुद को, तब भी वो मुझे पहचानते हैं।
– Pooja Sharma (Unboxthelife)
मुस्कुराहट में अपनी कई राज़ छुपा रहे थे
हम समझ ही ना सके
वो ख़ुश थे या सिर्फ़ दिखा रहे थे।
– Pooja Sharma (Unboxthelife)
वादा करते हैं कसमें भी खाते हैं
फिर उन्हें बदस्तूर निभाते हैं
ये सब बीते ज़माने की बातें लगती हैं
ऐसे प्रेमी अब कहाँ पाए जाते हैं।
– Pooja Sharma (Unboxthelife)
लफ्ज़ उतरते हैं कागज़ पर जब भी
उन्हें लगता है मैं अपनी कहानी कहती हूँ
जज़्बात औरों के भी शामिल हैं इसमें
जिन्हें मैं अपनी ज़ुबानी कहती हूँ।
– Pooja Sharma (Unboxthelife)
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