मसरूफ़ हैं वो तलाश में
एक ख़ूबसूरत मंज़िल की
नज़रन्दाज़ कर सफ़र के
इन हसीन लम्हों को।
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जबसे समझदार हुए हैं
तन्हा से फिरते हैं
नासमझ ही अच्छे थे
अपनों से घिरे तो रहते थे।
– Pooja Sharma (Unboxthelife)
वक़्त की कश्ती चली कुछ इस क़दर
रिश्ते हुए सब अजनबी तन्हा हुआ सफ़र।
– Pooja Sharma (Unboxthelife)
अहसास जो बसे हैं दिल में मेरे
अल्फाज़ बनकर जुबां पर ठहर ही जाते हैं
उनको पाने की ज़िद करें भी तो कैसे
जुदा होने के ख़्याल ही से डर जाते हैं।
– Pooja Sharma (Unboxthelife)
ना कोई शिकवा ना गिला रहे
मुहब्बत का कुछ ऐसा सिलसिला रहे।
– Pooja Sharma (Unboxthelife)
रिश्ता नहीं है मेरा कोई उनसे
सिवाय इसके कि
मैं उन्हें बचपन से जानता हूँ।
– Pooja Sharma (Unboxthelife)
हर बात के अक्सर दो मतलब हुआ करते हैं
एक तो वो ख़ुद ही समझ जाते हैं
दूसरा हम समझाने की कोशिश किया करते हैं।
– Pooja Sharma (Unboxthelife)
इत्तेफाक़ से मिले थे कई बार हम दोनों
आज तय मुलक़ात करने को जी चाहता है
जज़्बात सब ज़ाहिर कर दिए जुबां से हमने
सिर्फ़ इशारों ही में अब बात करने को जी चाहता है।
– Pooja Sharma (Unboxthelife)
दोस्त वो है जो कभी
किसी चीज़ का हिसाब नहीं करता
बेशक़ जानता है सारे राज़ वो हमारे
पर किसी भी सूरत में बेनक़ाब नहीं करता।
– Pooja Sharma (Unboxthelife)
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