वो छुप-छुप कर मेरा तुझे देखना
और नज़रों का नज़रों से मिलते ही
मेरा पलकों को झुका लेना
सच बताओ तुम देखते हो ना।
वो बेवजह ही घंटों तेरी राह तकना
और जब हो मुलाक़ात तो
इधर-उधर की ही बात करना
सच बताओ तुम भी ऐसा करते हो ना।
वो बेसब्री से तेरा इंतज़ार करना
अनकहे जज़्बातों को ज़ाहिर करने की आस रखना
पर हर दफा ख़ुद को खुद ही रोक लेना
सच बताओ तुम समझते हो ना।
वो ज़ुबां पर सख़्त पहरे लगा कर रखना
और निगाहों ही से इज़हार करना
इस तरह बेइंतहा मेरा तुझसे यूं प्यार करना
सच बताओ तुम भी करते हो ना।