तन्हाई में जब कभी, कुछ याद करता हूँ
दिदार हो बस तेरा, मैं ये फ़रियाद करता हूँ ।
हर चेहरे में सूरत तेरी ही, तलाश करता हूँ
हो ख़्वाबों में सही, तुझसे मुलाक़ात करता हूँ।
फ़साना तेरा ही बयां, दिन रात करता हूँ
हर लम्हा हर पल, तेरी ही बात करता हूँ।
तुम हमराज़ हो मेरे, तुम पर ऐतबार करता हूँ
खफ़ा ना होना कभी मुझसे, मैं ये दरख़ास्त करता हूँ।