उनकी हाँ में जब से हम हाँ मिलाने लगे हैं
वो कुछ ज़्यादा ही खुश नज़र आने लगे हैं!
ख़ामोशियां कुछ इस क़दर थी दरमियां हमारे
मानो ज़ुबां हो गई हो लफ़्ज़ों से ख़फ़ा
बातें जो थी ज़ेहन में, उन्हें कभी ना कर सके ज़ाहिर
पर निगाहें मिल आई रूह से कई दफ़ा।
– Pooja Sharma (Unboxthelife)
Recent Comments