उनकी ख़ामोशी को नाराज़गी समझने की
भूल मत करना
कितनी भी ज़िद करें वो तुमसे दूर जाने की
तुम क़ुबूल मत करना
हो सकता है वो ज़रा तकल्लुफ़ कर रहे हों
जज़्बात ज़ाहिर करने में थोड़ा सा डर रहे हों
पलकों को अपनी बेवजह नम मत करना
वो नहीं करते हैं यह सोचकर,
अपनी मोहब्बत कभी कम मत करना।