वे मसरूफ़ थे इतने
कि ज़रा ग़ौर भी ना फ़रमाया
पलकों पर ठहरा था जो सैलाब अश्कों का
फिर इक बार आँखों में ही जा समाया।
- Pooja Sharma (Unboxthelife)
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कैसा अजीब ये इत्तेफ़ाक़ हो गया
जो था ख़यालों में बसा उसी का दीदार हो गया
मिली नजरों से नजरें कुछ इस क़दर
कि फिर इक दफ़ा हमें उसी से प्यार हो गया।
– Pooja Sharma (Unboxthelife)
उनकी ख़ामोशी को नाराज़गी समझने की
भूल मत करना
कितनी भी ज़िद करें वो तुमसे दूर जाने की
तुम क़ुबूल मत करना
हो सकता है वो ज़रा तकल्लुफ़ कर रहे हों
जज़्बात ज़ाहिर करने में थोड़ा सा डर रहे हों
पलकों को अपनी बेवजह नम मत करना
वो नहीं करते हैं यह सोचकर,
अपनी मोहब्बत कभी कम मत करना।
– Pooja Sharma (Unboxthelife)
बेशक कहा नहीं तुमनें कभी
पर ये इल्म है हमें
ज़ाहिर है निगाहों से तुम्हारी
कि हमसे इश्क़ है तुम्हें।
– Pooja Sharma (Unboxthelife)
तेरे आग़ोश में खो जाऊं
बस यही आरज़ू है बाक़ी
ना-मुकम्मल हो ख़्वाब तो गिला नहीं कोई
ज़िंदगी गुज़र करने के लिए तेरी मौजूदगी ही है काफ़ी।
– Pooja Sharma (Unboxthelife)