मुरलीमनोहर, माखनचोर, मेरे कृष्णा, घनश्याम रे
सुन ले अरज तू मेरी, पूरी कर मेरी आस रे
डोर ये नाज़ुक जीवन की, तू थाम ले अपने हाथ में
हर क्षण रहूँ मैं साथ तेरे, बस जा तू मेरी हर साँस में!
एक दूसरे के लिए जान देते देखा है बहुतों को हमनें
क्यूँ ना हम एक-दूसरे के ज़िंदा रहने की वज़ह बन जाएँ।
– Pooja Sharma (Unboxthelife)