अगर तस्वीरें बोल पाती
तो ना जाने कितना कुछ कह जाती
जीवन के अनेक अनछुए पहलुओं से
रूबरू हमें वो कराती।
लबों की मुस्कुराहट के पीछे
जो गहरे राज़ हैं दफ़न
हर एक उस राज़ पर से
धीरे से पर्दा वो उठाती।
एक इंच की दूरी पर
बैठे दिख रहे हैं जो शख़्स
फासलें जो उनके दिलों के दरमियां है
ख़ामोशी से हमें वो सुनाती।
वो पल जो जीए थे कभी हमने
पूरी ज़िन्दादिली के साथ
हर उस पल की याद को ज़हन में हमारे
ज़िन्दा फिर से वो कराती।