है ऐतबार ख़ुद पर उम्मीद दिल में लिए फिरती हूँ सजा के अधूरे सपने इन आँखों में सारी-सारी रात जगा...
Feelings
Loading...
पहले सोचा करते थे दुनिया के बारे में अब ख़ुद ही से फुरसत नहीं निकाल पाते हैं लगा लेते थे...
ज़िन्दगी की पटरी पर रखकर अपने ये क़दम ज़िन्दादिली से हर इक पल जिए जा रहे हैं हम। है हौंसले...
औरों के मुताबिक़ भी चलकर देखा है हमने ए हुज़ूर एक हम नादां थे जो खुशी अपनी उनकी हँसी में...
आज हमने ज़िन्दगी की सबसे ऊँची उड़ान भरी है करी थी कोशिश जिन्होनें कभी पंख हमारे काटने की हर उस...
अगर तस्वीरें बोल पाती तो ना जाने कितना कुछ कह जाती जीवन के अनेक अनछुए पहलुओं से रूबरू हमें वो...
तन्हा सा बैठा था मैं, अपने कमरे में एक आहट सी अचानक से, सुनाई दी मुझे कोई दस्तक़ शायद दे...
कोई कितना भी कुछ कहे मुझसे जवाब मैं ख़ामोशियों से ही देता हूँ आज कल ना जाने क्यूँ मैं कुछ...
आज जब फ़ुरसत में बैठकर खोली जीवन की किताब सोचा कुछ पन्ने ही पलट लें कर लें कुछ हिसाब। ताउम्र...
End of content
No more pages to load
Recent Comments