अल्फाज़ ना निकले ज़ुबां से उनकी
ना ही हमने कभी कुछ कहा
सदियों से मोहब्बत का सिलसिला
यूँ ही ख़ामोशियों में चलता रहा।
Loading...
आँखों में शरारत
अधरों पर मुस्कान
बस इतना ही काफी था
लेने को मेरी जान।
– Pooja Sharma (Unboxthelife)
ये जानते थे हम कि वे बयां नहीं करेंगे
जुबां से हाल-ए-दिल कभी
आँखें पढ़ने का हुनर सीखने के लिए
एक ये ही वजह काफी थी।
– Pooja Sharma (Unboxthelife)
वो कहते हैं कि दूरियाँ
लोगों को क़रीब ले आती हैं
हमने नज़दीकियों को
फ़ासलों का सबब बनते देखा है।
– Pooja Sharma (Unboxthelife)
जो वक़्त गुज़ारा साथ तेरे
वो सपना लगता है
अपनों की इस भीड़ में
अब कहाँ कोई अपना लगता है।
– Pooja Sharma (Unboxthelife)
अब तक ढूंढा करते थे हम जिनको
अब ये आलम है कि
उनकी नज़रें तलाशा हमें करती हैं
रुबरु ना भी हो उनसे कभी तो ग़म नहीं
उनकी निगाहों में तो बस जाने का हम मुक़द्दर रखते हैं।
– Pooja Sharma (Unboxthelife)
वक़्त कैसा भी हो
गुज़र ही जाता है
चलो कुछ लम्हे
आज जी के देखें हम।
– Pooja Sharma (Unboxthelife)
कैसा ये अजीब इत्तेफाक़ है
सुलग रही है दिल में आग
और हाथों में राख है।
– Pooja Sharma (Unboxthelife)
अधूरे अधूरे से अल्फाज़
और वो अनकहे जज़्बात
बना देते हैं मुहब्बत को
थोड़ा और भी ख़ास ।
– Pooja Sharma (Unboxthelife)
End of content
No more pages to load