वो कहते हैं कि दूरियाँ
लोगों को क़रीब ले आती हैं
हमने नज़दीकियों को
फ़ासलों का सबब बनते देखा है।
एक दूसरे के लिए जान देते देखा है बहुतों को हमनें
क्यूँ ना हम एक-दूसरे के ज़िंदा रहने की वज़ह बन जाएँ।
– Pooja Sharma (Unboxthelife)
By Pooja Sharma
वो कहते हैं कि दूरियाँ
लोगों को क़रीब ले आती हैं
हमने नज़दीकियों को
फ़ासलों का सबब बनते देखा है।
एक दूसरे के लिए जान देते देखा है बहुतों को हमनें
क्यूँ ना हम एक-दूसरे के ज़िंदा रहने की वज़ह बन जाएँ।
बहुत होशियार नहीं हूँ मैं हिसाब किताब रखने में
बस इतना जानती हूँ जितना खोया है मैंने उससे कही ज़्यादा पाया है।
ढूँढ रही हूँ एक ऐसा शक्स जिसके साथ मैं मैं हो जाऊँ
पढ़ ले वो नज़रों को मेरी, ख़ामोशियाँ उसकी मैं सुन पाऊँ।
खामखां मैंनें उन्हें अपने घर में जगह दे रखी थी
ना वो मेरे ख़ास थे, ना ही मैं उनकी अपनी थी।
शिकायतें हमको भी थी उनसे मगर फिर भी
दुआओं की फेहरिस्त में सबसे ऊपर उन्हीं का नाम था!
उड़ने को पंख थे पास मेरे
और चाहा मैंने मछली की तरह तैरना
नाकामियों को अपनी पहनाकर ताज क़िस्मत का
गुज़ार दी ज़िन्दगी यूँ ही ख़ुद को पहचाने बग़ैर।