नींद से आजकल हमारा थोड़ा फ़ासला है
कोई इश्क़ नहीं ये ख़्वाबों का सिलसिला है
एक ख़्वाब ख़ुद को ख़ुद से मिलाने का
दूसरा अपने ही दम पे अपनी मंज़िल पाने का।
उन जैसा बनने की चाह में
मैं उम्र भर कोशिशें करती रही
ना उन जैसी कभी बन पाई
और ना ही ख़ुद सी रही।
– Pooja Sharma (Unboxthelife)