"एक शक्स जो हताश मन में उम्मीद की किरण जगाता है
बमुश्किल घड़ियों में भी हमें आगे बढ़ने की राह दिखाता है
उदासी की बंजर ज़मीन पर ख़ुशी की फ़ुहार बरसाता है
भूल जाते हैं जब हम ख़ुद से मुहब्बत करना
वो तब भी हमें उसी शिद्दत से चाहता है"
नज़र अंदाज़ कर ख़ुद की ख़ुशी
वो औरों की हँसी को ही अपना मानती रही
जो अपने आप में ही हर तरह से पूरी थी
वो उसकी कमी से, ख़ुद को अधूरा जानती रही।
– Pooja Sharma (Unboxthelife)