गुरु वो है जो हमें
ज़िंदगी की बारीकियाँ सीखाता है
घोर अंधकार के क्षणों में भी
रौशनी की किरण दिखाता है।
भूल जाते हैं जब हम स्वयं के अस्तित्व को
तब भी उसे अपने साथ खड़ा पाते हैं
हर पल निखरता जाता है जीवन हमारा
जिस दिन से हम उसके सानिध्य में आते हैं।
हर हाल में वो हमारे साथ मौजूद है
उसके होने से ही तो हमारा वजूद है
आज इस अवसर पर उसको मेरा हार्दिक नमन
उसके पावन चरणों में है सब कुछ अर्पण।
4 thoughts on “गुरु!”
बहुत बहुत धन्यवाद 😊।
🙏😊 अपना आशीर्वाद सदा यूँ ही बनाएँ रखें।
Wah ! nice poem on guru poornima
Thank you so much!