ग़लतियाँ!
गलती हो कोई तुझसे, तो ख़ुद को सज़ा ना देना दोस्त
ऐसा करने के लिए खड़े हैं, तेरे आस-पास बहुत से लोग
ऐसे नाज़ुक वक़्त में मुस्कुराना और गले से ख़ुद को लगाना
फिर धीरे से अपने ही कान में, कुछ यूँ फुसफुसाना।
तो क्या हुआ, गलतियाँ तो यहाँ हर कोई करता है
जो चलने की हिम्मत रखता है, वही तो गिरता है
कहते हैं कोशिश करने वालों की, कभी हार नहीं होती
सबक लो ग़र नाकामियों से, तो वो बेकार नहीं होती।
परिस्थितियाँ कैसी भी हों, तू थक कर ठहर मत जाना
हर हाल में क़दम तेरा, आगे की ही ओर बढ़ाना
हमारे मन का प्रतिबिम्ब दिखा दे, ऐसे आईने नहीं होते
रही हो कोशिशें पूरी, तो हार जीत के मायने नहीं होते।