ख़ामोश सी रहती है जुबां,
अक्सर ये गिला करते हैं आप
नज़रे जो करना चाहे बयां,
समझने की कोशिश कहाँ करते हैं आप।
कहीं ऐसा ना हो,
आपके समझने तक बहुत देर हो जाए
जो बात दिल कहना चाहता है,
दिल ही में रह जाए।
चाहती हूँ जो हसरतें मन में है मेरे
आपके मन में भी जगी हो
क्यूंकि मुहब्बत तभी होती है
आग जब दोनों तरफ़ लगी हो।
'गर साथ मुझे मिले आपका
तो ज़िन्दगी कितनी खूबसूरत होगी
इक पल को भी जुदा ना होना मुझसे
हर लम्हा मुझे आपकी ही ज़रूरत होगी।